Sinus Disease : साइनस से हैं परेशान? इन बेहद आसान तरीकों से पाएं सिर दर्द में आराम

Sinus Disease : साइनोसाइटिस केवल जुकाम की समस्या नहीं होती बल्कि साइनस इससे बेहद अलग है। इसमें माथे और नाक की हड्डी के पीछे की तरफ, हवा से भरी एक जगह होती है। यह मस्तिष्क को न केवल हल्का करती है, बल्कि आवाज को भी बेहतर करती है। साइनस का मुख्य रूप से नाक को मॉइस्चराइज करने का काम करता है ताकि बाहर से आने वाले कीटाणु और सूक्ष्मजीवों को शरीर में जानें रोक सके।

लेकिन जब साइनस नाम में ज्यादा प्रोड्यूस होने लगता है तो हवा वाली जगह पर साइनस भर जाती है। इससे नाक बंद होना और माथा भारी रहने लगता है। जिसकी वजह से न केवल नाक से सांस लेना मुश्किल हो जाता है। बल्कि इसकी वजह से या तो नाक हर समय बहती रहती है या फिर नाक भरी रहती है। साइनोसाइटिस की गंभीर स्थिति गले की दिक्कत भी पैदा कर सकता है और आंख के आस पास भी सूजन आ सकती है।

स्टीम लेने की आदत डालें
स्टीम लेने से रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट साफ होता है और इससे साइजन का कंजेशन कम होता है। स्टीम की वजह से कफ पतला होता है और बाहर निकल जाता है। इससे माथे में जमा कफ भी बाहर आ जाता है और सिर हल्का हो जाता है।

हॉट एंड कोल्ड कंप्रेस
साइनस की में हॉट एंड कोल्ड कंप्रेस यानी ठंडे और गर्म सेक करना भी लाभकारी होता है। इसके लिए पहले 3 मिनट के लिए नाक, गाल और माथे पर हॉट कम्प्रेस दे फिर 30 सेकंड बाद कोल्ड कम्प्रेस करें। ऐसा करीब 10 से 15 मिनट तक करते रहें। साइनस से राहत पाने के लिए आप दिन में 4 से 6 बार दोहराए।

योगा से साइनस का उपचार
साइनस के लिए कपालभाती, अनुलोम-विलोम, प्राणायाम बहुत लाभदायक योग हैं। इनमें से कोई एक भी यदि रोज कर लिया जाए तो साइनस की समस्या से राहत मिल जाएगी।

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