अनवर ढेबर को बिलासपुर हाईकोर्ट से बड़ा झटका, कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका
HC on Anwar Dhebar: छत्तीसगढ़ के कथित और चर्चित शराब घोटाला मामले में केंद्रीय जेल में बंद अनवर ढेबर को बिलासपुर हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। दरअसल, कोर्ट ने ढेबर की अंतरिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। इस बार भी ढेबर ने स्वास्थ्य के आधार पर जमानत की मांग की थी। दरअसल, जेल में बंद आरोपी अनवर ढेबर ने लोअर कोर्ट से अंतरिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद हाईकोर्ट की शरण ली थी। ग्रीष्मकालीन अवकाश के बीच उनके वकील ने अंतरिम जमानत याचिका पर जल्द सुनवाई का आग्रह किया, जिस पर जस्टिस पीपी साहू की सिंगल बेंच ने मामले की सुनवाई की।
यह भी पढ़ें:- समर कैंप: स्टील प्लांट में लंबी रेल पात बनते देख रोमांचित हुए स्टूडेंट्स, पढ़ें पूरी खबर
रायपुर महापौर के भाई अनवर ढेबर के वकील ने मेडिकल ग्राउंड पर इलाज के लिए जमानत देने का आग्रह किया था। साथ ही कहा कि अनवर को किडनी की बीमारी है और उन्हें यूरिन करने में दिक्कत हो रही है। सुनवाई के दौरान यह भी तर्क दिया गया कि ढेबर का इलाज चल रहा है, जिसके लिए अस्पताल जाने की जरूरत पड़ती है। जेल में गार्ड उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है, जिसके चलते इलाज नहीं हो पा रहा है। इस पर EOW की तरफ से अतिरिक्त महाधिवक्ता ने कहा कि अनवर को गिरफ्तार किया गया था, तब भी वो जानबूझकर मेडिकल इमरजेंसी का हवाला देकर अस्पताल में भर्ती हो गए। EOW ने मेडिकल बोर्ड से जांच कराई है, जिसमें उसे किसी तरह की कोई परेशानी नहीं बताई गई है। (HC on Anwar Dhebar)
नितेश और यश पुरोहित को बड़ी राहत
सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने उसकी अंतिरम बेल का आवेदन खारिज कर दिया। वहीं नियमित जमानत अर्जी पर 10 जून के बाद अंतिम सुनवाई के लिए प्रकरण रखने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने नितेश और यश पुरोहित को बड़ी राहत दी है। दरअसल, शराब घोटाले की जांच के बाद EOW ने नितेश और यश पुरोहित को भी आरोपी बनाया है। उन्हें पूछताछ के लिए EOW ने हाजिर होने के लिए कहा है। इधर, दोनों ने EOW की FIR को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इसमें अपनी गिरफ्तारी की आशंका को देखते हुए उन्होंने FIR को निरस्त करने का आग्रह किया है। हालांकि कोर्ट ने दोनों को गिरफ्तार नहीं करने को कहा है, लेकिन 22 मई को EOW के सामने हाजिर होने के लिए कहा है। सहयोग करने तक कोर्ट ने EOW को उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लेने के निर्देश दिए हैं। (HC on Anwar Dhebar)