छत्तीसगढ़ में फिर चरमरा सकती है व्यवस्था, 65 हजार बस-ट्रक ड्राइवर्स ने किया हड़ताल का ऐलान

Drivers Strike in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में एक बार फिर व्यवस्था चरमरा सकती है। दरअसल, छत्तीसगढ़ के ट्रक और बस ड्राइवर हिट-एंड-रन कानून के विरोध में फिर आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ ड्राइवर महासंगठन के आह्वान पर 65 हजार से ज्यादा ड्राइवर हड़ताल पर रहेंगे। इस आंदोलन को छत्तीसगढ़ हाईवा परिवहन संघ भी ने समर्थन दिया है। छत्तीसगढ़ ड्राइवर महासंगठन के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सेन ने बताया कि केंद्र सरकार के काले कानून के विरोध के साथ हम 12 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। हमारी प्रमुख मांग है कि सरकार ने जो ड्राइवर के खिलाफ कानून लाया गया है उसे वापस लिया जाए।

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अध्यक्ष ने बताया कि दिल्ली में ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट से सरकार ने बात की है। जबकि जिन ड्राइवर के लिए कानून बनाया गया है, उनसे किसी प्रकार की बातचीत नहीं हुई है। जिस समय देश भर में ड्राइवर हड़ताल पर थे। उस दौरान 28 राज्य के ड्राइवर यूनियन भी दिल्ली में जंतर मंतर पर आंदोलन करने गए थे। उस समय यूनियन में यह तय किया गया कि अगर सरकार अपना कानून वापस नहीं लेती है तो 10 जनवरी से सभी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे। महासंगठन के उप महासचिव अभिराम क्षत्रीय ने बताया की केंद्र सरकार ने कानून के संबंध में जो बातचीत की है वह ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन से की थी। ट्रांसर्पोटर खुद ड्राइवर का शोषण करते हैं। ड्राइवर की आर्थिक स्थिति कमजोर होती है। (Drivers Strike in Chhattisgarh)

सुबह 11 बजे तेलीबांधा में सौंपेंगे चाबी

उन्होंने कहा कि ऐसे में ड्राइवर के दुख-दर्द और परेशानियों को कोई और नहीं बल्कि ड्राइवर ही समझ सकता है। अध्यक्ष प्रीतम सेन ने बताया कि आज सुबह 11 बजे तेलीबांधा में सभी ड्राइवर इकट्ठा होंगे और गाड़ियों के मालिकों को चाबी सौंपी जाएगी। इस दौरान छत्तीसगढ़ हाईवा परिवहन संघ के अध्यक्ष विनोद अग्रवाल और संघ से जुड़े गाड़ी मालिक मौजूद रहेंगे। छत्तीसगढ़ में ड्राइवरों की हड़ताल से कारण बस, ऑटो, स्कूल बस, समान ले जाने वाली माल वाहक गाड़िया, पेट्रोल , डीजल समेत तमाम हैवी व्हीकल गाड़ियों के पहिए थम जाएंगे। ड्राइवर्स ने मांग की है कि किसी भी आम नागरिकों के द्वारा ड्राइवर के साथ मारपीट या अभद्र व्यवहार करने की स्थिति में कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई का प्रावधान हो। (Drivers Strike in Chhattisgarh)

इन सुविधाओं की मांग कर रहे ड्राइवर्स

सभी ड्राइवर का अगल से हेल्थ कार्ड जारी किया जाए, जिसमें देश के किसी भी निजी और शासकीय अस्पताल में गंभीर से गंभीर बीमारियों का निशुल्क चिकित्सा प्रदान की जाए। ड्राइवर की आयु 50 साल पूरा होने पर पेंशन का लाभ दिया जाए। किसी भी दुर्घटना में ड्राइवर की मृत्यु होने पर ड्राइवर को शहीद का दर्जा और प्रमाण पत्र दिया जाए। ड्राइवर या उसके परिवार को अलग से आवास योजना के अंतर्गत आवास प्रदान किया जाए। ड्राइवर की मृत्यु के होने या विकलांगता की स्थिति में पेंशन लाभ दिया जाए। दुर्घटना के दौरान ड्राइवर की मृत्यु होने पर 25 से 30 लाख रुपए का बीमा हो। किसी भी शासकीय नौकरी की भर्ती में ड्राइवर या उसके परिवार के सदस्यों को आरक्षण दिया जाए। शिक्षा के अधिकार के अंतर्गत अलग से ड्राइवर के बच्चो को किसी भी निजी और शासकीय स्कूलों में निशुल्क शिक्षा प्रदान किया जाए। (Drivers Strike in Chhattisgarh)

प्रदेश में व्यवस्था चरमराना लगभग तय 

ड्राइवर्स ने मांग की है कि पुलिस प्रशासन की अवैध बंद की जाए और उसमें रोक लगाई जाए। महीने के अंतिम दिन ड्राइवर को एक दिन का अवकाश दिया जाए। रोड पर 10 किमी के अंतर्गत शौचालय और विश्राम गृह की सुविधा प्रदान किया जाए। लाइसेंस के साथ-साथ बीमा होना चाहिए। वाहन में सह चालक (कंडक्टर) अनिवार्य किया जाए। बता दें कि पिछली बार हड़ताल की वजह से पेट्रोल पंप खाली हो गए थे। सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी हो गई थी। वहीं लोगों को दूसरे जिले में आने-जाने में परेशानी हो रही थी। उस समय केंद्र ने हड़ताल कर रहे ट्रांसपोर्टर्स से बात की थी। इसके बाद हड़ताल खत्म हो गया था, लेकिन अब ड्राइवर्स ने मोर्चा खोल दिया है। ऐसे में छत्तीसगढ़ में व्यवस्था चरमराना लगभग तय है। (Drivers Strike in Chhattisgarh)

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