डिप्टी CM विजय शर्मा ने की सरेंडर नक्सलियों से बातचीत, कांग्रेस ने बताया शहीदों का अपमान

Congress on Vijay Sharma: छत्तीसगढ़ के डिप्टी CM और गृहमंत्री विजय शर्मा ने सरेंडर नक्सलियों से वीडियो कॉल के जरिए बातचीत की। इसे लेकर कांग्रेस ने आपत्ति जताई है। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने इसे नक्सलियों का महिमा मंडित कर शहीदों का अपमान करना बताया है। उन्होंने कहा कि गृहमंत्री उनका महिमा मंडित करते हैं, यह बेहद दुर्भाग्यजनक और निंदनीय है। गृहमंत्री नक्सली के घर लाल भाजी की दावत उड़ाने की इच्छा व्यक्त करते हैं। यह नक्सली वारदात में मारे गए आम नागरिक और शहीदों के परिजनों के जख्मों पर नमक छिड़कना है। सरकार नक्सलियों के पक्ष में खड़ी है।

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ठाकुर ने कहा कि गृहमंत्री विजय शर्मा को नक्सल वारदात में शहीद जवान और आम नागरिकों के परिजनों से चर्चा करते उनके बच्चों के शिक्षा, स्वास्थ्य, विकास और उनके सुख-दुख को समझना चाहिए। गृहमंत्री का पूर्व नक्सली से चर्चा करना कहीं ना कहीं नक्सलवाद के प्रति सरकार के नरम रुख को दिखाता है। इससे अपराध और अपराधियों को बढ़ावा मिलता है। कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि गृहमंत्री को बस्तर में जिन परिवारों ने अपने परिजनों को नक्सली बताए जाने का विरोध किया है, उन परिजनों से भी गृहमंत्री को बात करना चाहिए। उनकी बात सुननी चाहिए उनको न्याय दिलाना चाहिए। (Congress on Vijay Sharma)

मूलभूत सुविधाओं से वंचित किया: ठाकुर

उन्होंने कहा कि प्रदेश को लाल आतंक से मुक्त करने के लिए हमारे सुरक्षा बल के जवान अपने प्राणों की आहुति दिए हैं। नक्सलियों ने हजारों बेकसूर निर्दोष आम नागरिकों की हत्या की है। धनंजय ने कहा कि नक्सली वारदात के चलते कई परिवार अनाथ हो गए हैं। नक्सलियों ने आम नागरिकों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित किया है। नक्सलवाद को खत्म करने जो हमारे आम नागरिक और सुरक्षा के जवान जो लोहा ले रहे हैं। उनके मन में भी नकारात्मकता आती है। दिनभर संघर्ष के बाद जब सरकार नक्सलियों के पक्ष में खड़ी होती है तो कहीं ना कहीं आतंक के खिलाफ लड़ाई लड़ने वालों का मन टूटता है। सरकार नक्सलियों के पक्ष में खड़ी नजर आ रही है। (Congress on Vijay Sharma)

रमन सरकार में भी नरम था रुख: कांग्रेस

कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता ठाकुर ने कहा कि 15 साल के रमन सरकार के दौरान भी नक्सलवाद को लेकर सरकार का नरम रुख था, जिसका ही दुष्परिणाम है कि दक्षिण बस्तर के दो विकासखंड तक सीमित नक्सलवाद प्रदेश के 15 जिलों को प्रभावित किया था।कांग्रेस की सरकार ने नक्सलवाद को खत्म करने के लिए मजबूत नीति बनाई और छत्तीसगढ़ लाल आतंक से मुक्त होने की दिशा में आगे बढ़ा है। वर्तमान सरकार को भी नक्सलवाद समाप्त करने के लिए स्पष्ट नीति बननी चाहिए। हालांकि साय सरकार ने नक्सलियों से वार्ता की पेशकश की है। साथ ही गोली का जवाब गोली से देने की चेतावनी दी है। बता दें कि साय सरकार के आने के बाद नक्सलियों के खिलाफ अभियान तेज हो गए हैं। (Congress on Vijay Sharma)

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